Real Story of Rani Padmavati (Padmini) रानी पद्मावती/पद्मिनी का इतिहास

Real Story of Rani Padmavati (Padmini) रानी पद्मावती/पद्मिनी का इतिहास. Rani Padmavati Story in Hindi | रानी पदमिनी की कहानी | Rani Padmini
The Saga Of Love, Hate, Betrayal & Death : Rani Padmavati (Rani Padmini) & Ala-Ud-Din Khilji
Story Credit:- http://Google.com, http://gyanipandit.com
रानी पद्मावती एक महान रानी थी. कवि मालिक मुहम्मद जयसी ने अपनी एक कविता में रानी पद्मावती के शौर्य और उनकी सुन्दरता का वर्णन किया है. रानी पद्मावती अपनी सुन्दरता के लिये पुरे भारत में जानी जाती थी।
रानी पद्मावती के पिता का नाम गन्धर्व सेन और माता का नाम चम्पावती था. रानी पद्मिनी ने अपना जीवन सिंघाला में ही व्यतीत किया था. उनके पिता ने पद्मावती के विवाह के लिये स्वयंवर भी आयोजित किया था जिसमे आस-पास के सभी हिन्दू-राजपूत राजाओ को आमंत्रित किया गया था। एक छोटे से राज्य के राजा मलखान सिंह भी उनसे विवाह करने के लिये पधारे थे।

चित्तोड़ के राजा रावल रतन सिंह रानी नागमती के होते हुए भी स्वयंवर में आये थे। और उन्होंने मलखान सिंह को पराजित कर पद्मिनी से विवाह भी कर लिया था। क्योकि राजा रावल रतन सिंह स्वयंवर के विजेता थे। स्वयंवर के बाद वे अपनी सुंदर रानी पद्मिनी के साथ चित्तोड़ लौट आये थे।
अलाउद्दीन किसी भी कीमत पर रानी पद्मिनी को हासिल करना चाहता था, इसलिए उसने चित्तौड़ पर हमला कर दिया। रानी पद्मिनी ने आग में कूदकर जान दे दी, लेकिन अपनी आन-बान पर आँच नहीं आने दी।
ईस्वी सन् १३०३ में चित्तौड़ के लूटने वाला अलाउद्दीन खिलजी था जो राजसी सुंदरी रानी पद्मिनी को पाने के लिए लालयित था.
आज भी चित्तोड़ की महिलाओ के जौहर करने की बात को लोग गर्व से याद करते है। जिन्होंने दुश्मनों के साथ रहने की बजाये स्वयं को आग में न्योछावर करने की ठानी थी। राणी पद्मिनी – Rani Padmini के बलिदान को इतिहास में सुवर्ण अक्षरों से लिखा गया है।

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